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धात की दवा, कारण, लक्षण और बचाव

असामान्य जीवन शैली, खाने पीने की खराब आदत, मादक पदार्थों का सेवन कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकता है। जिसके कारण हमारा शरीर भी हमारा साथ नहीं देता है। इन्हीं समस्याओं में एक समस्या धात या धातु रोग की समस्या। इस समस्या में पुरुष का अपने जननांग पर नियंत्रण नहीं रहता है और बिना संभोग के ही वीर्य स्खलित हो जाता है। शायद इसलिए ही लोग धात की दवा के लिए अपनी मेहनत की कमाई को पानी की तरह बहा देते हैं। लेकिन कुछ प्रतिशत लोगों को ही इससे फायदा मिल पाता है। इस लेख में हम आपको धात की दवा बताने के साथ साथ इस रोग के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में भी बता रहे हैं। धात की दवा के बारे में जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।

 

लेख में सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं कि धात रोग क्या है?

 

धात रोग क्या है?

 

धात रोग पुरुषों में होने वाली वह समस्या है, जिसके कारण बिना किसी यौन उत्तेजना और बिना संभोग किए पुरुषों का वीर्य स्खलित हो जाता है। इस समस्या के कारण पुरुषों में आत्मविश्वास की कमी तो होती ही साथ ही यह शारीरिक कमजोरी को भी बढ़ाता है। धात रोग के कारण पुरषों में यौनइच्छा की कमी होने लगती है और उनके रिश्तों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। इस समस्या से बचने के लिए डॉक्टर के परामर्श के साथ धात की दवा लेना जरूरी है।

 

धात रोग के बाद हम जानते हैं धात रोग के कारण के बारे में।

 

धार रोग के कारण-

 

धात रोग जिसे अंग्रेजी में स्पर्मेट्रिया भी कहा जाता है पुरुषों में होने वाली एक गंभीर समस्या है। यदि इसे समय रहते ठीक नहीं किया गया तो यह मनुष्य में मानसिक और शारीरिक कमजोरी का कारण बन सकता है। यहां हम इस समस्या के कारणों  के बारे में बता रहे हैं।

·   अत्यधिक हस्तमैथुन करने से।

·   शरीर में क्युआई की कमी के कारण।

·   हृदय, किडनी और लीवर में किसी प्रकार का विकार आने पर।

·   अधिक मात्रा में मादक पदार्थों का सेवन करने पर।

·   कामुक गतिविधियों में लिप्त रहने पर।

·   कामुकता को बढ़ाने वाली दवाओं का अधिक सेवन।

·   कामुकता के कारण मन का अनियंत्रित होना।

 

धात रोग के कारण जानने के बाद यहां बता रहे हैं धात रोग के लक्षण के बारे में।

 

धात रोग के लक्षण-

 

जैसा की आपने पढ़ा कि पुरुषों में धात रोग का विकार होना एक गंभीर समस्या है, जिसके बारे में अक्सर लोग बात करने से कतराते या शर्माते हैं। दरअसल, अक्सर उन्हें पता नहीं होता है उन्हें धात रोग है। यहां हम धात रोग की पहचान के लिए उसके लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।

·   कभी भी वीर्य स्खलित हो जाना।

·   शिशन पर हमेशा चिपचिपा पदार्थ रहना।

·   स्वभाव में चिड़चिड़ापन।

·   स्वप्नदोष होना।

·   कामुक होने पर वीर्यपात हो जाना।

·   वीर्य का पतला होना।

·   पेशाब के साथ वीर्य स्खलित हो जाना।

·   नींद और भूख में कमी।

 

लक्षण के बाद यहां जानते हैं धात रोग के जोखिम कारकों के बारे में।

 

धात रोग के जोखिम कारक-

 

हमारे शरीर में किसी भी प्रकार के विकार या फिर कमजोरी ऐसे ही नहीं आते इसके पीछे कई कारक हो सकते हैं। ठीक ऐसे ही धात रोग होने के भी कई जोखिम कारक हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।

·   कामुक चित्र देखना और किताबें पढ़ना।

·   कामुकता को बढ़ाने वाली फिल्म देखना।

·   किसी प्रकार का योन विकार होना।

·   यूटिआई यानी यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन होना।

·   नींद की कमी और अत्यधिक चिंता करना।

·   हस्तमैथुन की बुरी लत।

·   गंदी संगति का होना।

·   कब्ज की समस्या होना।

·   अधूरी योनइच्छाएं होना।

·   अनुवांशिक विकार या कारण।

·   शारीरिक संबंध बनाने के बारे में सोचते रहना।

 

लेख में यहां हम बता रहे हैं आयुर्वेद के अनुसार धात की दवा के बारे में।

 

आयुर्वेद के अनुसार धात की दवा-

 

आयुर्वेद में कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर करने का अचूक उपाय बताया गया है। इन उपायों में धात की दवा के बारे में दिया गया है। यहां हम उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।

1. सफेद मूसली

 

सफेद मूसली का उपयोग प्राचीन काल से ही धात की दवा के रूप में किया जाता रहा है। दरअसल, इसमें शुक्राणुओं को गाढ़ा करने और मन को शांति करने के गुण पाए जाते हैं। साथ ही यह शारीरिक कमजोरी पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यह सभी मिलकर धात रोग में फायदेमंद हो सकते हैं।

2.         शिलाजीत

 

शायद ही कोई होगा जिसने शिलाजीत का नाम नहीं सुना होगा। धात की दवा के रूप में शिलाजीत भी रामबाण के रूप में कार्य कर सकती है। इसमें शारीरिक और मानसिक स्थिरता प्रदान करने वाले गुणों के साथ ही कामेच्छा से जुड़े विकारों को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं, जो कि धात रोग की समस्या में लाभदायक हो सकते हैं।

3.         अश्वगंधा

 

आयुर्वेद में अश्वगंधा के कई फायदे बताए गए हैं उन्हीं में से एक है धात की समस्या को कम करना। दरअसल, अश्वगंधा का सेवन करने पर यह स्वप्नदोष को कम करने में मददगार हो सकता है और स्वप्नदोष धात रोग का एक कारण माना गया है। 

4. शतावरी

 

शतावरी का उपयोग भी धात की दवा के रूप में किया जा सकता है। रिसर्च की मानें तो शतावरी में शुक्राणुओं की संख्या, स्तंभन शक्ति और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते हैं। जो कि धात रोग को दूर करने में कारगर साबित हो सकते हैं।

5.         गोक्षुरा 

 

गोक्षुरा एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग अक्सर प्रजनन क्षमता को बढ़ाने मूत्र संबंधी विकारों को दूर करने और मानसिक तनाव को कम करने के लिए किया जाता है।  इसमें कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं जो कि शारीरिक क्षमता को बढ़ाकर धात रोग में फायदेमंद हो सकते हैं।

 

धात रोग की दवा के बाद जानते हैं, धात की समस्या को कम करने के लिए योग के बारे में।

 

धात रोग के लिए योग-

 

आयुर्वेदिक जड़ी बूटी ही नहीं हमारी दिनचर्या में शामिल शारीरिक क्षमता  बढ़ाने वाली गतिविधि भी धात रोग को कम करने में सहायक हो सकती हैं। उन्हीं में योग भी शामिल है। रोजाना योग करने पर यह कई प्रकार की बीमारियों और शारीरिक विकारों को दूर रखने में मदद कर सकते हैं। यहां हम कुछ योगासनों के नाम बता रहे हैं, जो धात रोग में लाभदायक माने जाते हैं।

1. गोमुखासन।

2. भुजंगासन

3. उत्तानपादासन

4. सर्वांगासन

5. सेतुबंधासन

6. प्राणायाम।

 

लेख के अंत में हम बता रहे हैं धात रोग से बचने के उपायों के बारे में।

 

धात रोग से बचने के उपाय-

 

हालांकि, धात रोग एक गंभीर समस्या है, लेकिन अपने जीवन में कुछ आसान से उपायों को शामिल करके इस समस्या से बचा जा सकता है। यहां हम उन्हीं उपायों के बारे में बता रहे हैं।

·   अपने भोजन में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।

·   किसी भी प्रकार के योग रोग होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें।

·   गंदे विचारों को मन में नहीं आने दें।

·   ऐसे नोबेल, चित्र और मूवी देखने बचें जिनमें कामुकता अधिक हो।

·   अपने मन को शांत और तनाव मुक्त रखें।

·   अपनी दिनचर्या को एक आदर्श दिनचर्या बनाएं।

·   रोजाना व्यायाम या फिर योगासन को दिनचर्या में शामिल करें।

·   हस्तमैथुन करने से बचें।

·   अपनी बुरी संगत को छोड़कर अच्छे लोगों के संपर्क में रहें।

·   अच्छी और ज्ञानवर्धक किताबों को पढ़ें।

 

आपने इस लेख में धात की दवा के साथ ही इसके कारण, लक्षण और उपायों के बारे में जाना। यहां हम आपको बता दें कि किसी भी प्रकार के योन रोग होने की संभावना होने पर उसके बारे में बात करने से शर्माएं नहीं, बल्कि आप अपने डॉक्टर से बात करें। इसके अलावा इस समस्या के बारे में आप हमारे एक्सपर्ट से टोल फ्री नंबर 18005706565 पर कॉल करके सलाह भी ले सकते हैं। हमारा उद्देश्य आप और आपके संबंधियों का स्वास्थ्य है इसलिए यह लेख अपनों के साथ भी शेयर करें जिससे वे भी इस समस्या के बारे में जागरूक हो जाएं।

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

 

धात रोग क्या है?

धात रोग पुरुषों में पाई जाने वाली एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण अनजाने में ही कभी भी कहीं भी वीर्य स्खलित हो सकता है।

 

क्या धात रोग गंभीर होता है?

यदि शुरुआती समय में ही धात की दवा या उपचार लिया जाए तो यह गंभीर नहीं होता, लेकिन यदि इसमें लापरवाही की तो समय के साथ यह घातक हो सकता है।

 

क्या आयुर्वेद में धात की दवा के बारे में बताया गया है?

हां, आयुर्वेद में धात की दवा के बारे में कई प्रकार से बताया गया है जिनमें से कुछ का जिक्र हम लेख में कर चुके हैं।

 

धात रोग होने पर किससे परामर्श लें?

धात रोग होने पर इससे संबंधित डॉक्टरों से सलाह लेना चाहिए। इसके अलावा आप हमारे एक्सपर्ट से टोल फ्री नंबर 


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